COMPUTER क्या होता है और कैसे काम करता है।

प्रस्तावना: 

कम्प्यूटर का विकास 20 वीं सदी के मध्य में हुआ था। आज के समय में यह तकनीक उन्नति करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है। आज के समय में कम्प्यूटर हमारे दैनिक जीवन का अटूट हिस्सा बन चुका है और हम सभी लोगों के बीच में , व्यापार करने में और विज्ञान के क्षेत्र में इसका व्यापक प्रयोग हो रहा है।

कम्प्यूटर (COMPUTER) का पूर्ण रुप क्या होता है।

COMPUTER - COMMOM OPERATING MACHINE PURPOSELY USED FOR TECHNOLOGICAL AND EDUCATIONAL RESEARCH.

कम्प्यूटर का अर्थ -  कम्प्यूटर एक इलैक्ट्राँनिक डिवाइस होता है जो डाटा को प्रोसेस करने , स्टोर करने और दिए गये आदेशों को पूरा करने का कार्य करता है।

कम्प्यूटर कितनें प्रकार के होते हैं - कम्प्यूटर मुख्य रुप से निम्न 9 प्रकार के होते हैं।

1. PERSONAL COMPUTER
2. SERVERS
3. SUPER COMPUTERS
4. MAINFRAME COMPUTERS
5. MICROCONTROLLER COMPUTERS
6. MINI COMPUTERS
7. HYBRID COMPUTERS
8. EMBEDDED COMPUTERS
9. QUANTUM COMPUTERS

अब हम एक - एक करके इन सभी प्रकार के कम्प्यूटरों के बारे में जानेंगे।


1. पर्सनल कम्प्यूटर (PERSONAL COMPUTER)  - 
इसको PC भी कहते हैं। इस कम्प्यूटर को एक समय में सिर्फ एक ही व्यक्ति प्रयोग कर सकता है, जैसे कि डेस्कटाँप और लैपटाँप। ये कम्प्यूटर घरों , कार्योलयों, शिक्षण संस्थानों आदि में व्यक्तिगत कार्यों के लिए प्रयोग किये जाते हैं।

COMPUTER क्या होता है और कैसे काम करता है।
Personal Computer


पर्सनल कम्प्यूटर की मुख्य विशेषतांए - 
  •  आकार और पोर्टेबिलिटी - पर्सनल कंप्यूटर आमतौर पर छोटे और पोर्टेबल होते हैं, जिससे उपयोगकर्ता उन्हें आसानी से कहीं भी ले जा सकते हैं। ये डेस्कटॉप और लैपटॉप के रूप में उपलब्ध होते हैं।
  •  सामान्य उपयोग - पर्सनल कंप्यूटर आमतौर पर डेटा प्रोसेसिंग, इंटरनेट ब्राउज़िंग, ईमेल, मल्टीमीडिया उपयोग, और गेमिंग जैसे आम कार्यों के लिए प्रयुक्त होते हैं।
  • हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर - पर्सनल कंप्यूटर में विभिन्न हार्डवेयर घटक शामिल होते हैं जैसे कि प्रोसेसर, मेमोरी, स्टोरेज ड्राइव, इनपुट डिवाइस जैसे कीबोर्ड और माउस, तथा आउटपुट डिवाइस जैसे मॉनिटर और प्रिंटर।

  • ऑपरेटिंग सिस्टम - पर्सनल कंप्यूटर में ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) होता है जो कंप्यूटर के हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर को आपस में जोड़ता है।
2. सर्वर (SERVERS) - 
सर्वर, कम्प्यूटर नेटवर्क पर काम करते हैं और विभिन्न प्रकार की सेवांए देने के लिए प्रयोग किये जाते हैं।

यह सभी कंप्यूटर और डिवाइसों को आपसी संचरण करने और डाटा को साझा करने में मदद करता है।
servers
Server
सर्वर की मुख्य विशेषतांए - 

  • नेटवर्क सेवाएं - सर्वर विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करने के लिए उपयोग प्रयोग किये जाते है जैसे कि वेब होस्टिंग, ईमेल सेवाएं, डाटाबेस प्रबंधन, फाइल स्टोरेज, गेम सर्वर, और अन्य नेटवर्क आधारित सेवाएं।
  • उच्च उपयोगिता और स्केलेबिलिटी - सर्वर बड़े और उच्च उपयोगिता वाले कार्यों को संभाल सकते हैं और नेटवर्क पर कई उपयोगकर्ताओं की समूहित आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं।
  • सुरक्षा - सर्वर आमतौर पर अधिक सुरक्षित होते हैं क्योंकि उनमें डेटा को सुरक्षित रखने के लिए विशेष सुरक्षा उपाय होते हैं।

सर्वर के मुख्य प्रकार - 
  • वेब सर्वर - ये सर्वर वेबसाइटों को इंटरनेट पर उपलब्ध करने के लिए होते हैं और वेब पेज्स, फ़ाइलें, ग्राफ़िक्स, वीडियो आदि को उपयोगकर्ताओं के डिवाइस पर प्रदर्शित (Show) करते हैं।
  • ईमेल सर्वर - ये सर्वर ईमेल संचरण की सेवा प्रदान करने के लिए प्रयोग किये जाते  हैं, जो उपयोगकर्ताओं को ईमेल भेजने और प्राप्त करने में मदद करते हैं।
  • डाटाबेस सर्वर - ये सर्वर डाटाबेस की सेवाएं प्रदान करते हैं और डाटाबेस प्रबंधन के लिए उपयोग होते हैं, जिनमें डाटा को स्टोर किया जाता है।
  • फाइल सर्वर - फाइल सर्वर एक प्रकार का कंप्यूटर होता है जिसका मुख्य कार्य फाइलों को संग्रहित करना, प्रबंधित करना, और उन्हें नेटवर्क के अन्य कंप्यूटरों के साथ साझा करना होता है। यह किसी विशेष नेटवर्क पर एक स्टोरेज सिस्टम की भूमिका निभाता है, जिसमें उपयोगकर्ताओं द्वारा बनाई गई फ़ाइलें संग्रहित होती हैं।फाइल सर्वर के माध्यम से, उपयोगकर्ता अपनी फाइलें नेटवर्क के अन्य कंप्यूटरों के साथ साझा कर सकते हैं और उन्हें संचित कर सकते हैं, ताकि वे किसी भी समय उन्हें एक्सेस कर सकें। फाइल सर्वर नेटवर्क के अन्य उपकरणों और कंप्यूटरों के बीच फाइलों की स्थिति, विशेषताएँ और पहुँच को प्रबंधित करने में मदद करता है।
3. सुपरकम्प्यूटर (SUPER COMPUTERS) - 
सुपरकंप्यूटर एक विशेष प्रकार का अत्यधिक शक्तिशाली कंप्यूटर होता है जिसका उद्देश्य बड़ी मात्रा में गणनाओं और प्रतिसिमुलेशन का समाधान करना होता है। ये कंप्यूटर वैज्ञानिक अनुसंधान, मौसम पूर्वानुमान, नाभिकीय सिमुलेशन, और औद्योगिक अनुसंधान में उपयोग किये जोते हैं।

सुपरकंप्यूटरों की शक्ति उनकी गणना करने की क्षमता में होती है, जिसमें वे लाखों-करोड़ों कार्यों को एक साथ प्रोसेस कर सकते हैं, जो कि आम कंप्यूटरों के लिए असम्भव होते हैं। इन कंप्यूटरों का उपयोग गणना करने में, विज्ञान, जैवविज्ञान, खगोलशास्त्र और औद्योगिक अनुसंधान आदि में किया जाता है।
Supercomputers
 Supercomputers
सुपरकंप्यूटरों का निर्माण विशेष तरीकों से किया जाता है जिनमें पर्याप्त संख्या के प्रोसेसिंग यूनिट्स, उच्च क्षमता वाले प्रोसेसर, और विशेषता पूरी करने वाले अन्य तंत्रिकी उपकरण शामिल होते हैं। इनके अनुसार, सुपरकंप्यूटरों को उनकी गणना शक्ति और क्षमता के आधार पर विभिन्न ग्रेड में वर्गीकृत किया जाता है।

सुपरकंप्यूटर आजकल के समय में वैज्ञानिक अनुसंधान, तकनीकी उन्नति, वायुमंडलीय अनुसंधान, जैवविज्ञान, और अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

सुपरकम्प्यूटर  की विशेषतांए - 

उच्च गणनात्मक शक्ति - सुपरकंप्यूटर बहुत बड़ी और जटिल गणनाएं अत्यधिक गति से कर सकते हैं, जो कि अन्य कंप्यूटरों के मुकाबले बहुत ज्यादा होती है।
विशेषताएँ और कस्टमाइजेशन - सुपरकंप्यूटर विशेषताओं के साथ तैयार किए जाते हैं जो विशिष्ट गणनाओं को करने में मदद करते हैं। ये उपकरण आमतौर पर विशिष्ट अनुसंधान की आवश्यकताओं के आधार पर कस्टमाइज किए जाते हैं।
उच्च डाटा संचयन और प्रसंस्करण - सुपरकंप्यूटर अत्यधिक मात्रा में डाटा को संचयित करने और विशिष्ट तरीकों से प्रसंस्कृत करने की क्षमता रखते हैं।
मल्टीटास्किंग - सुपरकंप्यूटर एक समय में बहुत सारी गणनाएं और कार्यों को सम्पन्न कर सकते हैं, जिससे उनका उपयोग विभिन्न प्रकार के परियोजनाओं में किया जा सकता है।

प्रोजेक्ट के बड़े अंशों का विश्लेषण - सुपरकंप्यूटर का उपयोग बड़े और जटिल प्रोजेक्टों में डाटा के विश्लेषण के लिए किया जाता है, जो कि आमतौर पर साधारण कंप्यूटरों में नहीं किया जा सकता।

सुपरकंप्यूटर विश्वभर में कई स्थानों पर स्थापित हैं और उनका उपयोग गणित, विज्ञान, और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में उन्नत गणनाओं के लिए विभिन्न तरीकों से  किया जाता है।

4. मेनफ्रेम कंप्यूटर (MAINFRAME COMPUTERS) -
मेनफ्रेम कंप्यूटर एक प्रकार का बड़ा और प्रबल कंप्यूटर होता है जो विशेष उद्देश्यों के लिए डिज़ाइन किया जाता है। ये कंप्यूटर बड़े स्तर पर डाटा प्रोसेसिंग, स्टोरेज, और प्रबंधन के लिए उपयोग होते हैं और विभिन्न उपयोगकर्ताओं के बीच डाटा और जानकारी को साझा करने में मदद करते हैं।
main frame computers
Main Frame computers

मेनफ्रेम कंप्यूटर की मुख्य विशेषताएँ -

स्थिरता और सुरक्षा - मेनफ्रेम कंप्यूटर उच्च स्थायिता और सुरक्षा प्रदान करते हैं। ये संगठनों के लिए महत्वपूर्ण डेटा, वित्तीय सूचनाएँ, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को सुरक्षित रूप से स्टोर करने की क्षमता रखते हैं।

मल्टीटास्किंग और मल्टीउजर -  मेनफ्रेम कंप्यूटर एक समय में कई उपयोगकर्ताओं को एक साथ सेवाएं प्रदान करने में सक्षम होते हैं, जिससे कि वे एक ही समय में विभिन्न कार्यों को सम्पन्न कर सकते हैं।

 मेनफ्रेम कंप्यूटर विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट उद्देश्यों के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं, जैसे कि वित्त, प्रशासनिक, व्यावसायिक, और विज्ञानिक कार्यों के लिए।

सुविधाजनक व्यवस्था - मेनफ्रेम कंप्यूटर सारी डाटा प्रोसेसिंग और स्टोरेज की व्यवस्था को सुविधाजनक तरीके से प्रबंधित करने में मदद करते हैं, जिससे व्यवसायिक प्रक्रियाओं को आसानी से संचालित किया जा सकता है।

एक्सपैंसन क्षमता - मेनफ्रेम कंप्यूटर में एक्सपैंसन की अधिक क्षमता होती है, जिससे उपयोगकर्ता आवश्यकतानुसार हार्डवेयर को बदल सकते हैं और नए फीचर्स को जोड़ सकते हैं।

5. माइक्रोकंट्रोलर (MICROCONTROLLER COMPUTERS) - 
माइक्रोकंट्रोलर एक प्रकार का सिलिकॉन चिप (IC) होता है जो विभिन्न तंत्रिकी और तकनीकी कार्यों को नियंत्रित करने के लिए डिजाइन किया गया जाता है। इसका आकार छोटा होता है और एक ही चिप पर मिलकर प्रोसेसिंग, मेमोरी, और इनपुट/आउटपुट इंटरफेसिंग की क्षमताएँ प्रदान करता है। माइक्रोकंट्रोलर विभिन्न विशेषताओं वाले मॉडल में आते हैं और विभिन्न उद्देश्यों के लिए प्रयोग किये जाते हैं।

MICROCONTROLLER COMPUTERS
MICROCONTROLLER COMPUTERS

माइक्रोकंट्रोलर की मुख्य विशेषताएँ -
कम आकार और लागत -  माइक्रोकंट्रोलर छोटे आकार में होते हैं और उनकी उत्पादन लागत भी कम होती है, जिससे उन्हें विभिन्न सिस्टमों में आसानी से प्रयोग किया जा सकता है।

अलग-अलग इनपुट/आउटपुट पिन्स - माइक्रोकंट्रोलर में अलग-अलग प्रकार के इनपुट और आउटपुट पिन्स होते हैं, जिनका उपयोग विभिन्न सेंसर्स, एक्टुएटर्स और अन्य परियोजनाओं के साथ इंटरफ़ेस करने के लिए किया जा सकता है।

इंटरनल मेमोरी - माइक्रोकंट्रोलर में आमतौर पर इंटरनल फ्लैश मेमोरी होती है, जिसमें प्रोग्राम और डाटा संग्रहित किए जाते हैं।

टाइमर्स और काउंटर्स - माइक्रोकंट्रोलर में अंतर्निहित टाइमर्स और काउंटर्स होते हैं, जिनका उपयोग टाइम-बेस्ड फंक्शनलिटी को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।

विभिन्न परियोजनाओं का समर्थन - माइक्रोकंट्रोलर विभिन्न प्रकार के परियोजनाओं का समर्थन कर सकते हैं, जैसे कि एम्बेडेड सिस्टम, ऑटोमेशन, रोबोटिक्स, होम ऑटोमेशन, इलेक्ट्रॉनिक्स, और अन्य तंत्रिकी उपयोग।

 माइक्रोकंट्रोलर प्रोग्रामिंग करने के लिए विभिन्न प्रोग्रामिंग भाषाओं का समर्थन करते हैं, जैसे कि C और C++

कम बिजली की खपत - माइक्रोकंट्रोलर आमतौर पर कम बिजली की खपत करते हैं और इसलिए बैटरी-पॉवर्ड उपकरणों के लिए अच्छे माने जाते हैं।

माइक्रोकंट्रोलर का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे कि स्मार्ट होम सिस्टम, ऑटोमोबाइल, मोबाइल डिवाइस, इलेक्ट्रॉनिक इन्स्ट्रुमेंटेशन, और और भी बहुत कुछ।


6. मिनिकम्प्यूटर  (MINI COMPUTERS) 
मिनीकम्प्यूटर (Minicomputer) एक प्रकार का कम्प्यूटर होता है जो मध्यम आकार का होता है और इंटरमीडिएट कंप्यूटर सिस्टम के रूप में कार्य करता है। ये कंप्यूटर मेनफ्रेम कंप्यूटर और माइक्रोकम्प्यूटर के बीच में आते हैं।
minicomputer
Minicomputer
मिनीकम्प्यूटर की विशेषताएँ -

छोटा आकार - मिनीकम्प्यूटर छोटे आकार में होते हैं जिनके कारण उन्हें छोटे स्थानों में आसानी से रखा जा सकता है।

कम प्रोसेसिंग पॉवर - मिनीकम्प्यूटर उच्च प्रोसेसिंग पॉवर वाले कम्प्यूटरों के मुकाबले कम प्रोसेसिंग पॉवर वाले होते हैं। इन्हें आमतौर पर बेसिक और स्पेशलाइज्ड कार्यों के लिए डिज़ाइन किया जाता है।

विशेष उद्देश्य - मिनीकम्प्यूटर एक विशेष उद्देश्य के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं, जैसे कि उद्योग, नियंत्रण प्रणाली, वैज्ञानिक शोध, आदि।

विशेष हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर - मिनीकम्प्यूटर्स में विशेष हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है जो उनके उद्देश्य को पूरा करने में मदद करते हैं।

कठिन पर्याप्तता - मिनीकम्प्यूटर ज्यादातर अधिक कठिन पर्याप्तता वाले निर्दिष्ट कार्यों के लिए बनाए जाते हैं, जो उनके उद्देश्य को पूरा करने के लिए आवश्यक होते हैं।

सार्वजनिक प्रयोगों से लेकर औद्योगिक कार्यों तक, मिनीकम्प्यूटर्स ने अपने विशेष उद्देश्यों के लिए बड़े कम्प्यूटरों की तुलना में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं।

7. हाइब्रिड कम्प्यूटर (HYBRID COMPUTERS)  - 
हाइब्रिड कंप्यूटर एक विशेष प्रकार का कंप्यूटर होता है जो कि डिजिटल कंप्यूटर और एनालॉग कंप्यूटर की विशेषताओं का एक साथ प्रयोग करके कार्य करता है अर्थात यह दोनों प्रकार के कम्प्यूटरों के गुणों का एक साथ प्रयोग करता है।


hybrid computers
Hybrid computers

हाइब्रिड कंप्यूटर की विशेषताएँ -

गणनात्मक शक्ति - हाइब्रिड कंप्यूटर डिजिटल कंप्यूटर की तरह बड़ी गणनात्मक शक्ति रखते हैं, जो कि विभिन्न प्रकार की गणनाओं को करने में मदद करते हैं।

तीव्रता - हाइब्रिड कंप्यूटर में एनालॉग कंप्यूटर की तीव्रता और तत्कालिक जवाब की क्षमता होती है, जिससे वे रीयल-टाइम और विशिष्ट कार्यों के लिए उपयुक्त होते हैं।

विशिष्ट उपयोगिता - हाइब्रिड कंप्यूटर विभिन्न कार्यों के लिए उपयुक्त होते हैं, जैसे कि विज्ञान, इंजीनियरिंग, चिकित्सा अनुसंधान, और अन्य क्षेत्रों में।

आकार और डिज़ाइन - हाइब्रिड कंप्यूटर छोटे आकार के होते हैं और उन्हें स्थापित करने में आसानी होती है।

संचित्रण और संग्रहण क्षमता - हाइब्रिड कंप्यूटर में डिजिटल कंप्यूटर की  तरह संचित्रण और संग्रहण क्षमता होती है, जिससे वे विभिन्न प्रकार के डाटा प्रसंस्करण के लिए उपयुक्त होते हैं।

रियल-टाइम एप्लिकेशन -  हाइब्रिड कंप्यूटर रियल-टाइम एप्लिकेशनों के लिए उपयुक्त होते हैं, जैसे कि सिमुलेशन, विज्ञान, और अन्य क्षेत्रों में।

इन विशेषताओं के कारण, हाइब्रिड कंप्यूटर विभिन्न विज्ञानिक, औद्योगिक, और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उपयुक्त होते हैं।

8. एम्बेडेड कंप्यूटर  (EMBEDDED COMPUTERS) -
 एम्बेडेड कंप्यूटर एक प्रकार का कंप्यूटर होता है जो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, मशीन, उपकरण या सिस्टम में अंदर लगा होता है और विशिष्ट कार्यों को करने के लिए डिजाइन और निर्मित किया जाता है। ये कंप्यूटर, किसी भी  उपकरण के आंतरिक भाग में स्थापित किये जाते हैं और इनका उद्देश्य उपकरण की कार्यक्षमता, संचालन और नियंत्रण को बेहतर बनाना होता है।

embedded computers
Embedded computers

एम्बेडेड कंप्यूटर की मुख्य विशेषताएँ -

स्थायितता - 
एम्बेडेड कंप्यूटर स्थाई रूप से उपकरण में स्थापित होते हैं और वे उपकरण के साथ निरंतर काम करते रहते हैं, चाहे उपकरण चालू हो या बंद।

विशिष्ट कार्य - एम्बेडेड कंप्यूटर विशिष्ट कार्यों को करने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं, जैसे कि ट्रैफ़िक लाइट नियंत्रण, मोबाइल फ़ोन, विद्युत स्विच, मेडिकल उपकरण आदि।

कम ऊर्जा की आवशयकता और पावरफुल - एम्बेडेड कंप्यूटर आकार में छोटे होते हैं और वे कम पावर कन्सम्प्शन के साथ काम कर सकते हैं, जिससे वे बैटरी पॉवर सोर्स से चलाए जा सकते हैं।

रियल-टाइम काम करने की क्षमता - एम्बेडेड कंप्यूटर रियल-टाइम काम करने में क्षमता रखते हैं, जिससे वे तत्कालिक प्रतिक्रिया देने में सक्षम होते हैं।

संचित्रण और संग्रहण क्षमता - इन कंप्यूटरों में डाटा को संचित्रित करने और संग्रहित करने की क्षमता होती है, जिससे कि वे उपकरण की आवश्यकताओं के अनुसार काम कर सकते हैं।

विभिन्न उपकरणों में एम्बेड करने की स्थिरता - एम्बेडेड कंप्यूटर को विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, यंत्रों, मशीनों और सिस्टमों में एम्बेड किया जा सकता है, जैसे कि स्मार्ट वॉच, ऑटोमेटेड स्विच, गेम कंसोल, और भी बहुत कुछ।

एम्बेडेड कंप्यूटर विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग होते हैं, जैसे कि इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन नियंत्रण, स्वास्थ्य देखभाल, इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन, नियंत्रण प्रणाली, खेलकूद, और अन्य बहुत सारे क्षेत्रों में। इनके सहायता से उपयोगकर्ताओं को विशिष्ट कार्यों को स्वतंत्रता से और बिना मानव हस्तक्षेप के करने में मदद मिलती है।

9. क्ंवाटम कम्प्यूटर (QUANTUM COMPUTERS) -  

क्वांटम कंप्यूटिंग एक उन्नत तकनीक है जो कंप्यूटर विज्ञान की एक नई शाखा है। यह तकनीक पारंपरिक कंप्यूटिंग से अलग है और नए तरीके से संगठित किए गए तत्वों का उपयोग करके कंप्यूटेशन करती है। पारंपरिक कंप्यूटिंग में डिजिटल बिट (bit) का उपयोग होता है जो संख्यात्मक रूप से 0 या 1 को दर्शाता है, जबकि क्वांटम कंप्यूटिंग में क्वांटम बिट (qubit) का उपयोग किया जाता है जो क्वांटम मान (quantum state) को दर्शाता है।

Quantum Computer
Quantum Computer
क्वांटम बिट के अलावा, क्वांटम कंप्यूटिंग में क्वांटम सुपरपोजिशन (Quantum Superposition) और क्वांटम एंटैंगलमेंट (Quantum  Entanglement ) जैसे अनोखे गुणों का भी उपयोग किया जाता है। ये गुण क्वांटम कंप्यूटिंग को पारंपरिक कंप्यूटिंग से अलग बनाते हैं ।

क्ंवाटम कम्प्यूटर के निम्न उद्देश्य होते हैं। 

1.  विशेष क्रियाओं को तेजी से संपादित करना।

2.  उत्पादकता और क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि करना।

3.  बड़े और जटिल संख्यात्मक प्रश्नों को हल करना।

क्वांटम कंप्यूटिंग का विकास विज्ञान, प्रौद्योगिकी और गणित के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है। इसका उपयोग डाटा विश्लेषण, मशीन लर्निंग, औद्योगिक क्षेत्र में कार्य आसान और सुगम तरीकों से करने के लिए किया जाता है। क्वांटम कंप्यूटिंग के द्वारा नए अवसरों का विस्तार संभव होता है और इससे वैज्ञानिक समुदाय को विशेषज्ञता, नई खोज और आविष्कार के लिए एक महत्वपूर्ण मंच मिलता है।












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